सोमवार, 1 जून 2020

#BoycottChineseProducts कैंपेन

मित्रों आज  `बॉयकॉट चाइना प्रॉडक्ट' कैंपेन सोशल मिडिया में जोर शोर से चल रहा है। तो आइये हम ये जाने की यह अभियान क्या है और इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है। 
इस अभियान की शुरुआत तो बहुत साल पहले हो चुकी थी लेकिन वर्तमान में इंजीनियर सोनम वांग्चुक जिनसे प्रभावित होकर फ़िल्म थ्री इडियट बनी थी के बयान के बाद यह अभियान अपने चरम पर पहुँच गया है।
 आज टवीटर ,फेसबुक,व्हाट्सप्प आदि पर यह अभियान टॉप पर हैं। बॉलीवूड के सितारें भी अब इस कैंपेन में कूद पड़े है। 



अभी अगर हम देखे तो इस अभियान में कुछ बातें विशेष उभर कर आती है -- 
1st लोगों में चायना के विरुद्ध गुस्सा है क्योंकि वह पाकिस्तान की सहायता करता है और भारत को धमकाने की कोशिश करता है। 
2nd लोग चायना अप्प्स डिलीट करने पर विशेष जोर दे रहे हैं। जैसा कि बाबा रामदेव ने भी टवीट कर के लिखा कि चायना अप्प्स अपने फोन से डिलीट करना भी एक राष्ट्रसेवा है। 
3rd कुछ लोग कह रहे हैं कि हम पहले इस सफ्ताह  चायना अप्प्स डिलीट करके शुरुवात करे और फिर साल भर में चायना के हार्डवेयर त्याग दे। 
4th कुछ लोग सम्पूर्ण चायना उत्पाद को त्यागने की बात कह रहे हैं। वे मेड इन चायना की जगह मेड इन इंडिया अपनाने पर जोर दे रहे हैं। 
5th कुछ लोग ये मानते हैं कि इस अभियान से भारत का ही नुकसान होगा। उनका तर्क है कि भारत की तरह अगर चायना भी हमारे सामान का बहिष्कार कर दे तो कितना बड़ा नुकसान हो जायेगा। दूसरा उनका तर्क यह है की इससे जो हमें सस्ता सामान मिलता है उससे हम वंचित हो जाएंगे। तीसरा उनका तर्क यह है कि इससे जो व्यापारी भारी मात्रा में चायना मेड सामान का स्टॉक कर रखे हैं उनका भारी नुकसान हो जायेगा। 



  अब अगर हम देखें कि इस अभियान का क्या असर हो सकता है तो कुछ बातें उभर कर आती हैं -- 
1st ये अभियान अगर लम्बा चले तो बहुत सी चायना एप्स की रेटिंग और डाउन लोडिंग वेल्यू गिर जाएगी और अन्य देशों की कम्पनियाँ बेहतर अप्प्स लेकर आएगी। 
2nd स्मार्ट फोन मार्केट में लोग चायना की जगह अन्य देशों के ब्रांड को वरीयता देंगे और इसका सीधा फ़ायदा सैमसंग को होगा। 
3rd अगर सम्पूर्ण चायना सामान का बहिष्कार होता हो तो भारतीय कंपनियों को सीधा लाभ होगा और देश में रोजगार बढ़ेगा और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। 
4th चायना इन सबसे घबराकर भारत से मित्रता करने को मजबूर हो जाये .
पहले दोनों कार्य से भारत को कोई विशेष लाभ नहीं होने वाला लेकिन अगर 3rd वाला कार्य हो जाये तो भारत का उदार हो जाये। 
मित्रों ये अभियान कोई आसान नहीं है क्योंकि आज हम देखते हैं कि अपने आसपास  एक छोटी से लेकर बड़ी चीज तक चायना की बनी हुई हैं। सस्ती होने के कारण लोग चायना मेड वाली वस्तुओ को खरीदना पसंद करते है अत : उसका मुकाबला करने के लिए हमारी सरकार को यहाँ के उत्पाद को बनाने में कम्पनियो को अनुदान और साधन उपलब्ध कराने होंगे तभी यह प्रयास सार्थक हो सकता हैं। 
फ़िर भी एक छोटा सा प्रयास भी कम महत्वपूर्ण नहीं होता। आपके सुझावों का स्वागत हैं। 

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