बुधवार, 27 मई 2020

शिव मंत्र

भगवान शिव भोलेनाथ के नाम से भी जाने जाते हैं इसलिए उनको अपनी भक्ति से प्रसन्न करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। कुछ मन्त्र ऐसे हैं जो शिवजी को अत्यंत प्रिय हैं और जिनसे भक्तों का शीघ्र कल्याण हो सकता हैं तो आईये देखे की वे कौन से मन्त्र हैं। 

दोस्तों पहली बात तो आपको हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि शिवजी की सम्पूर्ण आराधना बिना माता पार्वती के नहीं हो सकती अत: जब भी हम आराधना करे वह शिव - पार्वती , उमा - महेश्वर, महादेव - महादेवी , रूद्र - रुद्राणी या फिर शिव - शिवा के रूप में ही होनी चाहिए। 

भगवान शिव का सुप्रसिद्ध मन्त्र है ॐ नम: शिवाय और अगर हम इसमें ॐ नम: शिवायै और जोड़ देंगे तो इसमें शिवजी और माता पार्वती दोनों की आराधना हो जाएगी। 

आइये , अब देखे उनका दूसरा महत्वपूर्ण मन्त्र और यह है महामृत्युंजय मंत्र ---

 ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ 

दोस्तों  इस मन्त्र का जितना भी बख़ान करे वह कम है क्योंकि इसके द्वारा तो हमारे ऊपर आने वाली अकाल मृत्यु भी इसके प्रभाव से हमारे से कोसों दूर भाग जाएगी। अत: हमें अकाल मृत्यु से बचने के लिए प्रतिदिन इस मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए। 

शिवजी को प्रसन्न करने के लिए पंचाक्षर मन्त्र भी बड़ा प्रभावी है। यह मन्त्र ॐ नम: शिवाय का ही विस्तृत रूप है। यह है -- 

                 श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम्

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय, भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय, तस्मै न काराय नमः शिवाय॥

मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय, नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।

मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय, तस्मै म काराय नमः शिवाय॥

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द, सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।

श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय, तस्मै शि काराय नमः शिवाय॥

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य, मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।

चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय, तस्मै व काराय नमः शिवाय॥

यक्षस्वरूपाय जटाधराय, पिनाकहस्ताय सनातनाय।

दिव्याय देवाय दिगम्बराय, तस्मै य काराय नमः शिवाय॥

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥ 

यह मन्त्र सबका कल्याण करने वाला है। अब एक और मन्त्र को देखते है जिसका नाम है शिव गायत्री मन्त्र। `शिव गायत्री मन्त्र' भी गायत्री मन्त्र के समान ही प्रभावी है और इसमें सबके कल्याण की भावना छिपी हुई हैं। यह मन्त्र इस प्रकार है -- 

ॐ महादेवाय विद्महे , रुद्रमूर्तये धीमहि ।

तन्नः शिवः प्रचोदयात् ॥ 

इस मन्त्र को इस प्रकार भी बोला जा सकता है --

 ऊं तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात। 

तो दोस्तों मुझे आशा है कि मेरे इस लेख और वीडियो के माध्यम से आपको कुछ धर्म - लाभ अवश्य हुआ होगा। भगवान शिव आप सभी का कल्याण करें। 

लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद !

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