सोमवार, 22 जून 2020

एक महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन

 दोस्तों हम जब महान  गणितज्ञों  या फिर वैज्ञानिकों  की बात करते हैं  तो हमारे दिमाग़  में  अल्बर्ट  आइंस्टाइन, पाइथोगोरस, आर्यभट्ट आदि के नाम आते हैं  लेकिन हमारे में से अधिकांश भारतीय श्रीनिवास रामानुजन के नाम से अपरिचित है। तो दोस्तों आज हम इनके बारे में जाने कि इनका जीवन कैसा रहा और इनकी गणित के क्षेत्र में क्या उपलब्धियाँ रही। 

 

       इनका जीवन और उपलब्धियाँ इनको अन्य गणितज्ञों से अलग करती है :--- 

1. इन्होंने किसी और से नहीं बल्कि स्वयं से गणित को सीखा। 

2. इनकी योग्यता को भारत ने नहीं बल्कि इंग्लैंड में समझा गया। 

3. रॉयल सोसाइटी की सदस्यता के बाद यह ट्रिनीटी कॉलेज की फ़ेलोशिप पाने वाले पहले भारतीय भी बने। 

4. उन्होंने गणित को आध्यात्म से जोड़कर ही अपना कार्य किया। 

आइये अब इनके जीवन के बारे में जाने :--- 

         श्रीनिवास रामानुजन अय्यंगर का जन्म 22 दिसम्बर 1887 में कोयंबटूर के ईरोड गावँ में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम श्रीनिवास अय्यंगर और माता का नाम कोमलताम्मल था। बचपन से ही ये साधारण बालकों से अलग थे। तीन वर्ष तक तो इन्होंने बोलना भी नहीं सीखा था। इनको प्रारम्भिक शिक्षा में कोई रूचि नहीं थी लेकिन शिक्षकों से प्रश्न पूछने का इनको बड़ा शौक था। इनके प्रश्न भी बड़े रहस्यमय होते थे जैसे पृथ्वी और बादलों की दूरी कितनी होती है आदि। इनका व्यवहार इतना सौम्य था कि जो भी इनसे मिलता इनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता। गणित में इनकी इतनी अधिक रूचि थी कि जो सवाल कॉलेज में आते थे वे सवाल इन्होंने स्कूल में रहते हुए ही हल कर लिए। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण इनको पढ़ाई छोड़नी पड़ी और ट्युसन करके अपना गुजारा करना पड़ा। लेकिन इनकी ईश्वर के प्रति दृढ़ आस्था और गणित के प्रति लगन ने इनके गणित के शोध के कार्य को रुकने नहीं दिया। 

जब इनके माता -पिता ने इनकी शादी कर दी तो ये नौकरी की तलाश में मद्रास गए लेकिन  वहाँ भी पहले प्रयास में इनको कोई नौकरी नहीं मिली और स्वास्थ्य भी ख़राब हो गया था इसलिए ये वापस गावँ चले गए। बाद में ठीक होने के बाद ये वापस मद्रास गए और वहाँ के डिप्टी कलेक्टर श्री वी. रामास्वामी अय्यर से मिले जो गणित के विद्वान् थे। उन्होंने इनसे प्रभावित होकर इनको नौकरी दिलवा दी। यहाँ पर रहते हुए इन्होंने अपना पहला शोधपत्र `बरनौली संख्याओं के गुण ' प्रकाशित किया। उस समय अपने शोध कार्य को आगे बढ़ाने के लिए किसी अंग्रेज प्रोफ़ेसर की सहायता लेना अतिआवश्यक था इसलिए इनके कुछ मित्रों ने इनके द्वारा लिखे गए शोध को इंग्लैंड के प्रसिद्ध गणितज्ञों के पास भेजा। वहाँ प्रोफ़ेसर हार्डी रामानुजन के सूत्रों से बहुत प्रभावित हुए और उनको कैम्ब्रिज आने का न्यौता दिया। 

वहाँ जाकर इन्होंने विशेष शोध लिखा जिसके कारण से इनको कैंब्रिज विश्विद्यालय द्वारा बी.ए. की उपाधि भी मिली।इसके बाद वहाँ उनको रॉयल सोसायटी का फेलो नामित किया गया। ये फेलो पाने वाले वे सबसे कम उम्र के पहले सदस्य थे। बाद में उन्हें ट्रिनीटी कॉलेज की फ़ेलोशिप भी मिली जो कि किसी पहले भारतीय को यह दी गयी थी। वहाँ रहते हुए इनका स्वास्थ्य ख़राब होने लगा और उस समय की असाध्य बीमारी क्षय रोग इनको हो गया जिसके कारण ये वापस भारत लौट आये। बीमारी में भी इन्होंने मॉक थीटा फ़ंक्शन पर एक शोध लिखा जो कि गणित ही नहीं बल्कि चिकत्साविज्ञान में भी कैंसर को समझने के लिए प्रयोग किया जाता है। 26 अप्रेल 1920 में केवल 33 वर्ष की अल्पायु में इनका देहांत हो गया। 

रामानुजन द्वारा किए गए कार्य आज भी वैज्ञानिकों के लिए अबूझ पहेली जैसे हैं। रामानुजन का आध्यात्म के प्रति विश्वास इतना गहरा था कि वे अपने गणित के क्षेत्र में किये गए किसी भी कार्य को आध्यात्मिकता का ही एक अंग मानते थे। वे धर्म और आध्यात्मिकता में केवल विश्वास ही नहीं रखते थे बल्कि उसे तार्किक रूप से प्रस्तुत भी करते थे। वे कहते थे कि "मेरे लिए गणित के उस सूत्र का कोई मतलब नहीं है जिससे मुझे आध्यात्मिक विचार न मिलते हों।” 



इनके जीवन पर आधारित एक फ़िल्म भी बनी थी  `The Man Who Knew Infinity' इसको एक बार जरूर देखिएगा। दोस्तों आशा है आपको मेरा ये लेख और वीडियो अच्छा लगा होगा। एक अच्छा लगा हो तो कृपया मेरे ब्लॉग और यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब, फॉलो , लाइक और शेयर जरूर कीजियेगा। 

धन्यवाद !

शुक्रवार, 12 जून 2020

पंतजलि का कोरोना वाइरस की दवा बनाने का दावा

साथियों अभी हाल -ही में पंतजलि के  को - फाउंडर आचार्य बालकृष्ण ने कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा किया है। उनके इस दावे की सच्चाई तो भविष्य ही तय करेगा लेकिन यह अगर सही हुआ तो भारत और आर्युवेदिक दोनों के लिए एक मिल का पत्थर साबित होगा। 


कोरोना वायरस की दवा बनाने के लिए दुनिया भर के कई देशों में शोध चल रहा है। कुछ देशों ने यह दावा भी किया कि उन्होंने इसकी दवा बना ली है लेकिन अभी तक कोई प्रमाणिक नहीं हुआ। भारत में भी इस पर रिसर्च का काम ज़ोर - शोर से शुरू है लेकिन पंतजलि से पहले किसी ने यह दावा नहीं किया है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि पंतजलि  ने कोरोना वायरस की दवा बनाने में सफलता हासिल कर ली है। उन्होंने कहा है कि इस दवा से एक हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि अलग-अलग जगहों पर संक्रमितों को यह दवा दी गई , जिसमें से 80 फीसदी लोग ठीक हो चुके हैं।

आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि जैसे ही कोरोना महामारी ने चीन के साथ पूरे विश्व में दस्तक दी तो उन्होंने अपने संस्थान में हर विभाग को सिर्फ और सिर्फ कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा पर काम करने में लगा दिया, जिसका परिणाम अब सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस दवा का न केवल सफल परीक्षण किया गया, बल्कि इसे तैयार भी कर लिया गया। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि शास्त्रों, वेदों को पढ़कर और उसे विज्ञान के फॉर्मूले में डालकर आयुर्वेदिक चीजों से यह दवा बनाई गई हैं। 

फ़िलहाल इस बात को भारत सरकार द्वारा पुष्टि होना बाकि है , अगर सरकार ने इस पर अपनी मोहर लगा दी तो यह एक क्रांतिकारी उपलब्धि सिद्ध होगी। 

तो दोस्तों आशा है पंतजलि का दावा सही निकले और इस महामारी के भय से देशवासियों को जल्द मुक्ति मिले। 

लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद। 

रविवार, 7 जून 2020

Indian & International System of Numeration

In today's blog, we will learn how to write Indian and International numbers and what is the difference between them.

In the Indian or Hindu-Arabic number system, we initially have a group of three, which will be called Ones. One, tens and hundreds come under it. After this comes a group of thousand, which consists of thousand and ten thousand. After this comes a group of lakhs which includes lakhs and ten lakhs. Next comes the group of crores, which consists of crores and ten crores. 

Now let us explain this by an example 658619805. In this we will put commas like this - 65,86,19,805. Now we will read it like this - Sixty five crore eighty six lakh nineteen thousand eight hundred five. 

Let us now understand this through the chart -


Now let's see how to write international numbers. These numbers are always written in groups of three. To begin with, there will be a group of ones, similar to the Indian system, in which there will be one, tens and hundred. After that there will be a group of thousand which includes thousand, ten thousand and hundred thousand. Now a group of million will come in which there will be one million, ten million and hundred million. 

Now let's look at an example - 897456123 in this we will put commas like this - 897,456,123. Now, let's see how to read it. Eight hundred ninety seven million four hundred fifty six thousand one hundred twenty - three. 

Let us now understand this through the chart -


Now understand all these things from this video - 



Hope you understand this topic. If you like my blog and video, then please subscribe, like, follow and share my blog and YouTube channel.

Thanks for reading my article


बुधवार, 3 जून 2020

How to Earn Money Online [ Part -1 ]

साथियों आप में से अधिकांश के मन में यह प्रश्न रहता है कि क्या हम ऑनलाइन कमा सकते हैं ? तो मेरा जवाब है , हाँ जरूर लेकिन इसके लिए धैर्य और निरंतरता का होना अतिआवश्यक है। हम ऑनलाइन कमा सकते हैं वह भी अकल्पनीय लेकिन यह एकदम से नहीं हो सकता इसके लिए समय , ज्ञान और मेहनत का होना अतिआवश्यक है। हाँ एक बात जरूर दिमाग़ में बैठा ले कि जो साईट धन लेकर कहती है कि आपको इतनी कमाई देंगे वे सब फर्जी हैं। ऐसी कोई भी साईट के झाँसे में ना आवे। तो आइये आज हम पार्ट -1 में देखे `हाऊ टू इरन मनी ऑनलाइन '











आज पार्ट - 1 में आपको वह तरीका बता रहे हैं जिससे आप अपना ऑनलाइन कमाने का कार्य बिना विशेष योग्यता और उपायों से शुरू कर सकते हैं। साथियों कम्पनियाँ अपने प्रोडेक्ट को बेहतर बनाने के लिए सर्वे करवाती हैं जिससे उन्हें यह पता चल सके कि उपभोक्ता क्या चाहता है। इसके लिए बहुत - सी सर्वे साइटें हैं जो यह कार्य हमारी मदद से सम्पन्न करती हैं। बदले में यह हमें अपना पारितोषित देती हैं। सर्वे लगभग 5 मिनिट से एक घंटे तक के होते हैं और उनका भुगतान 20 रुपये से 1500  रुपये तक हो सकता हैं। सर्वे हमारी योग्यता और परिवार की स्थिति  के आधार पर मिलते हैं।

तो आइये ये जाने की इनमें  कैसे काम करते हैं। सबसे पहले हमें सर्वे साईट में अपना रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है। उसके बाद उस साईट में हमें अपनी प्रोफ़ाइल भरनी होगी जिसमें हमारी व्यक्तिगत और व्यावसायिक जानकारी देनी होगी। अब सर्वे साईट हमारी प्रोफ़ाइल के आधार पर मैच करके सर्वे हमें देगी और उसको हमें पूरा करना है। ज्यों ही सर्वे पूरा हो जाता है हमारा पैसा हमारे अकाउंट में जुड़ जाता है। कुछ साईट 100 रूपए पर तो कुछ 500 पर या 10 डॉलर पर अपने रूपए निकालने की अनुमति देती हैं। कुछ PayPal के माध्यम से नकद रुपये देती हैं तो कुछ अमेज़न , फ्लिपकार्ट या Paytm के वाउचर के रूप में। 

दोस्तों इस कार्य से हम आसानी से महीने में 5000 हज़ार से 10000 हज़ार रूपए कमा सकते हैं। इसमें ना तो अधिक समय लगता है और ना ही मेहनत। आप यह कार्य मोबाईल या लैपटॉप में कर सकते हैं। लेकिन थोड़ा धैर्य रखना जरुरी है क्योंकि शुरू में अनुभव कम होने के कारण हो सकता है आपको कम सर्वे मिले लेकिन कुछ समय बाद आप इसमें जरूर सफ़ल होंगे। हाँ एक बात जरूर है कि इसमें आपको पूरी ईमानदारी से अपनी प्रोफ़ाइल के अनुसार ही उत्तर देने हैं वरना आपका सर्वे रिजेक्ट हो जायेगा। तो आइये अब आपको बताते है उन सर्वे साइटों के बारे में जो इस कार्य के लिए सबसे अच्छी और भरोसेबंद हैं। 

[ 1 ] ySense :-- यह सर्वे साईट बहुत पुरानी है और इसमें सबसे ज्यादा सर्वे भी आते हैं। सर्वे के अलावा इसमें टास्क करके, मोबाईल अप्प्स डाउनलोड करके , नए मेंबर बना के भी कमाया जा सकता हैं। 10 डॉलर होने पर आप अपने रूपये निकाल सकते हो।आपको इसमें मेरी इर्निंग का स्क्रीनशॉट दिखा रहा हूँ और इसका लिंक भी दे रहा हूँ। 


[ 2 ] Indiaspecks :-- यह सर्वे साईट भी अच्छा पैसा देती है। एक 15 मिनिट के सर्वे के 70 से 100 रूपए तक देती है। इसमें रुपये निकालने के बहुत से ऑप्शन है लेकिन कम से कम 100 रुपये होने पर आप निकाल सकते हैं। इसका भी लिंक और फ़ोटो आप को बता रहा हूँ।

http://indiaspeaks.net/referrals/view/496624 

[ 3 ] YouGov :--  यह भी एक बहुत अच्छी साईट है जिसमें लगभग 5 से 15 मिनिट के सर्वे होते हैं और हमें 50 से 150 तक पॉइंट मिल जाते हैं। जब 5000 पॉइंट हो जाते हैं तब हम Paytm के माध्यम से अपने रुपये निकाल सकते हैं और हमें 3600 रुपये मिलते हैं। इसका लिंक और फोटो दे रहा हूँ।

https://in.yougov.com/en-hi/refer/cHolrgYWcmQqRmG1fv-Mzg/

[ 4 ] LifePoints :-- यह सर्वे साईट भी आप को अच्छा मेहनताना देती है। इसके सर्वे 5 मिनिट से 30 मिनिट तक के होते हैं और 40 से 100 पॉइंट तक मिलते हैं। कम से कम 340 पॉइंट होने पर हम 300 रुपये का वाउचर या केस निकाल सकते है। 

  https://www.lifepointspanel.com/                                                                                           

[ 5 ] OpinionWorld :-- यह भी अच्छा मेहनताना देती है और बहुत पुरानी विश्वसनीय साईट है। इसमें सर्वे 5 मिनिट से 60 मिनिट तक के होते है और हमें 30 रुपये से 350 रुपये तक मिल जाते हैं। 500 रुपये होने पर हम वाउचर के माध्यम से निकाल सकते हैं। 

             

 [ 6 ] इनके अलावा भी बहुत सी सर्वे साईट हैं जो अच्छा पैसा देती हैं उनके लिंक में नीचे दे रहा हूँ। ये सभी सर्वे साइट्स भरोसेबंद हैं इसलिए आप निसंकोच इन में कार्य कर सकते हैं। Swagbucks --- https://www.swagbucks.com/lp-savings-button?cmp=695&cxid=swagbuttonref&rb=15442932&extRefCmp=1&extRb=15442932

iPanel ---  https://in.ipanelonline.com/member/index/

SurveySavvy ---https://www.surveysavvy.com/?m=6490444

Xcel -online -- https://community.xcel-onlinesurveys.com/

Toluna -- https://in.toluna.com/?redirectedId=18#/

आप अधिक जानकारी के लिए नीचे दिया गया वीडियो देखिए --


तो आशा है आपको मेरा ये लेख अच्छा और उपयोगी लगा होगा। अगले पार्ट में आपको दूसरे कार्य के बारे में बताया जायेगा। कृपया मेरे ब्लॉग और यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब,फॉलो , लाइक और शेयर जरूर कीजियेगा। 

लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद 💓 !


सोमवार, 1 जून 2020

#BoycottChineseProducts कैंपेन

मित्रों आज  `बॉयकॉट चाइना प्रॉडक्ट' कैंपेन सोशल मिडिया में जोर शोर से चल रहा है। तो आइये हम ये जाने की यह अभियान क्या है और इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है। 
इस अभियान की शुरुआत तो बहुत साल पहले हो चुकी थी लेकिन वर्तमान में इंजीनियर सोनम वांग्चुक जिनसे प्रभावित होकर फ़िल्म थ्री इडियट बनी थी के बयान के बाद यह अभियान अपने चरम पर पहुँच गया है।
 आज टवीटर ,फेसबुक,व्हाट्सप्प आदि पर यह अभियान टॉप पर हैं। बॉलीवूड के सितारें भी अब इस कैंपेन में कूद पड़े है। 



अभी अगर हम देखे तो इस अभियान में कुछ बातें विशेष उभर कर आती है -- 
1st लोगों में चायना के विरुद्ध गुस्सा है क्योंकि वह पाकिस्तान की सहायता करता है और भारत को धमकाने की कोशिश करता है। 
2nd लोग चायना अप्प्स डिलीट करने पर विशेष जोर दे रहे हैं। जैसा कि बाबा रामदेव ने भी टवीट कर के लिखा कि चायना अप्प्स अपने फोन से डिलीट करना भी एक राष्ट्रसेवा है। 
3rd कुछ लोग कह रहे हैं कि हम पहले इस सफ्ताह  चायना अप्प्स डिलीट करके शुरुवात करे और फिर साल भर में चायना के हार्डवेयर त्याग दे। 
4th कुछ लोग सम्पूर्ण चायना उत्पाद को त्यागने की बात कह रहे हैं। वे मेड इन चायना की जगह मेड इन इंडिया अपनाने पर जोर दे रहे हैं। 
5th कुछ लोग ये मानते हैं कि इस अभियान से भारत का ही नुकसान होगा। उनका तर्क है कि भारत की तरह अगर चायना भी हमारे सामान का बहिष्कार कर दे तो कितना बड़ा नुकसान हो जायेगा। दूसरा उनका तर्क यह है की इससे जो हमें सस्ता सामान मिलता है उससे हम वंचित हो जाएंगे। तीसरा उनका तर्क यह है कि इससे जो व्यापारी भारी मात्रा में चायना मेड सामान का स्टॉक कर रखे हैं उनका भारी नुकसान हो जायेगा। 



  अब अगर हम देखें कि इस अभियान का क्या असर हो सकता है तो कुछ बातें उभर कर आती हैं -- 
1st ये अभियान अगर लम्बा चले तो बहुत सी चायना एप्स की रेटिंग और डाउन लोडिंग वेल्यू गिर जाएगी और अन्य देशों की कम्पनियाँ बेहतर अप्प्स लेकर आएगी। 
2nd स्मार्ट फोन मार्केट में लोग चायना की जगह अन्य देशों के ब्रांड को वरीयता देंगे और इसका सीधा फ़ायदा सैमसंग को होगा। 
3rd अगर सम्पूर्ण चायना सामान का बहिष्कार होता हो तो भारतीय कंपनियों को सीधा लाभ होगा और देश में रोजगार बढ़ेगा और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। 
4th चायना इन सबसे घबराकर भारत से मित्रता करने को मजबूर हो जाये .
पहले दोनों कार्य से भारत को कोई विशेष लाभ नहीं होने वाला लेकिन अगर 3rd वाला कार्य हो जाये तो भारत का उदार हो जाये। 
मित्रों ये अभियान कोई आसान नहीं है क्योंकि आज हम देखते हैं कि अपने आसपास  एक छोटी से लेकर बड़ी चीज तक चायना की बनी हुई हैं। सस्ती होने के कारण लोग चायना मेड वाली वस्तुओ को खरीदना पसंद करते है अत : उसका मुकाबला करने के लिए हमारी सरकार को यहाँ के उत्पाद को बनाने में कम्पनियो को अनुदान और साधन उपलब्ध कराने होंगे तभी यह प्रयास सार्थक हो सकता हैं। 
फ़िर भी एक छोटा सा प्रयास भी कम महत्वपूर्ण नहीं होता। आपके सुझावों का स्वागत हैं। 

रविवार, 31 मई 2020

हस्तिनापुर जैन मंदिर - Hastinapur Jain Temple

जय जिनेन्द्र मित्रों , 

आज मैं यहाँ हस्तिनापुर के जैन मंदिरों के बारे में जानकारी आपसे साँझा कर रहा हूँ। हस्तिनापुर भारत में एक प्रसिद्ध क्षेत्र रहा है। महाभारत काल में यह एक प्रमुख केंद्र रहा जो कुरु वंश की राजधानी था। यह गंगा नदी के तट पर बसा है जो मेरठ से लगभग 37 किलोमीटर और दिल्ली से 96 किलोमीटर दूर है। हस्तिनापुर हिन्दू और जैनियों  का एक प्रमुख केंद है। यहाँ जैनियों के बहुत से प्रसिद्ध मंदिर हैं जो बहुत ही भव्य हैं। 

कुछ प्रसिद्ध जैन मंदिर निम्नलिखित हैं --- 

1. जम्बूद्वीप जैन तीर्थ क्षेत्र :-- पूज्य ज्ञानमति माताजी की प्रेरणा से यह ब्रह्मांड दर्शन के रूप में बनाया गया हैं जो अपने आप में अद्दितीय है।यहाँ सुमेरु पर्वत की सुंदरता और भव्यता देखते ही बनती है। 

2. श्री दिगम्बर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर :-- यह हस्तिनापुर का सबसे प्राचीन जैन मंदिर है। इस मंदिर की लोगों में बहुत मान्यता हैं। पास ही नसियाँ ,जल मंदिर और 24 टोंक भी प्रसिद्ध हैं। 

3. कैलास पर्वत :-- यह भी एक भव्य मंदिर है जो लगभग 40 मीटर की ऊंचाई लिए हुए है। यह मंदिर बहुत सुन्दर और कैलास पर्वत की याद दिलाने वाला है जहाँ भगवान आदिनाथ मोक्ष पधारे थे। 

4. श्री श्वेताम्भर जैन मंदिर :-- यह श्वेताम्भर समाज का मंदिर है जो लगभग 46 मीटर की ऊंचाई लिए हुए है। इस मंदिर की मजबूती और गोलाकार आकृति सम्मोहित करने वाली है। अष्ट पद नाम से ये विख्यात है। 

5. तीन लोक रचना :-- यह भी एक बहुत सुन्दर रचना है जिसमें तीनों लोकों को प्रस्तुत किया गया है। इसमें अधोलोक, मध्यलोक और ऊर्ध्वलोक को बताया गया है। यह भी जम्बूद्वीप जैन तीर्थ क्षेत्र में आता है। 

इसके अलावा भी यहाँ पर बहुत से जैन मंदिर है जो अपने आप में अद्भुत व विशिष्टा लिए हुए है। जैन मंदिरों के अलावा यहाँ प्रसिद्ध  हिन्दू मंदिर भी है जो पौराणिक और भव्य है। यहाँ पर रहने और भोजन  के लिए जैन मंदिरों में अच्छी व्यवस्था हैं। इसके अलावा होटल भी है। यहाँ का वातावरण भी मनमोहक और प्रकति का निकट से अहसास दिलाने वाला है। 

आप मेरा नीचे दिया गया वीडियो देखकर और भी यहाँ के मंदिरों की झलकियाँ देख सकते हैं।  



आशा है आपको मेरा यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको मेरा लेख और वीडियो कुछ उपयोगी लगा हो तो कृपया मेरा यूट्यूब चैनल और ब्लॉग को लाइक,सब्सक्राइब और शेयर जरूर कीजियेगा। 

धन्यवाद 

बुधवार, 27 मई 2020

शिव मंत्र

भगवान शिव भोलेनाथ के नाम से भी जाने जाते हैं इसलिए उनको अपनी भक्ति से प्रसन्न करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। कुछ मन्त्र ऐसे हैं जो शिवजी को अत्यंत प्रिय हैं और जिनसे भक्तों का शीघ्र कल्याण हो सकता हैं तो आईये देखे की वे कौन से मन्त्र हैं। 

दोस्तों पहली बात तो आपको हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि शिवजी की सम्पूर्ण आराधना बिना माता पार्वती के नहीं हो सकती अत: जब भी हम आराधना करे वह शिव - पार्वती , उमा - महेश्वर, महादेव - महादेवी , रूद्र - रुद्राणी या फिर शिव - शिवा के रूप में ही होनी चाहिए। 

भगवान शिव का सुप्रसिद्ध मन्त्र है ॐ नम: शिवाय और अगर हम इसमें ॐ नम: शिवायै और जोड़ देंगे तो इसमें शिवजी और माता पार्वती दोनों की आराधना हो जाएगी। 

आइये , अब देखे उनका दूसरा महत्वपूर्ण मन्त्र और यह है महामृत्युंजय मंत्र ---

 ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ 

दोस्तों  इस मन्त्र का जितना भी बख़ान करे वह कम है क्योंकि इसके द्वारा तो हमारे ऊपर आने वाली अकाल मृत्यु भी इसके प्रभाव से हमारे से कोसों दूर भाग जाएगी। अत: हमें अकाल मृत्यु से बचने के लिए प्रतिदिन इस मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए। 

शिवजी को प्रसन्न करने के लिए पंचाक्षर मन्त्र भी बड़ा प्रभावी है। यह मन्त्र ॐ नम: शिवाय का ही विस्तृत रूप है। यह है -- 

                 श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम्

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय, भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय, तस्मै न काराय नमः शिवाय॥

मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय, नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।

मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय, तस्मै म काराय नमः शिवाय॥

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द, सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।

श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय, तस्मै शि काराय नमः शिवाय॥

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य, मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।

चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय, तस्मै व काराय नमः शिवाय॥

यक्षस्वरूपाय जटाधराय, पिनाकहस्ताय सनातनाय।

दिव्याय देवाय दिगम्बराय, तस्मै य काराय नमः शिवाय॥

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥ 

यह मन्त्र सबका कल्याण करने वाला है। अब एक और मन्त्र को देखते है जिसका नाम है शिव गायत्री मन्त्र। `शिव गायत्री मन्त्र' भी गायत्री मन्त्र के समान ही प्रभावी है और इसमें सबके कल्याण की भावना छिपी हुई हैं। यह मन्त्र इस प्रकार है -- 

ॐ महादेवाय विद्महे , रुद्रमूर्तये धीमहि ।

तन्नः शिवः प्रचोदयात् ॥ 

इस मन्त्र को इस प्रकार भी बोला जा सकता है --

 ऊं तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात। 

तो दोस्तों मुझे आशा है कि मेरे इस लेख और वीडियो के माध्यम से आपको कुछ धर्म - लाभ अवश्य हुआ होगा। भगवान शिव आप सभी का कल्याण करें। 

लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद !

शुक्रवार, 22 मई 2020

रचना के आधार पर वाक्य रूपांतर { सीबीएसई कक्षा 10 हिन्दी व्याकरण }

आज हम कक्षा 10 के हिन्दी व्याकरण का अध्याय 'रचना के आधार पर वाक्य रूपांतर' के बारे में अध्ययन करेंगे। तो पहले हम देखते है कि रचना के आधार पर वाक्य कितने होते हैं :--

रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते हैं --

1 . सरल वाक्य या साधारण वाक्य 

2 . मिश्रित वाक्य  

3 . संयुक्त वाक्य 


अब हम इनके बारे में जाने की ये क्या होते हैं -- 

             सरल वाक्य या साधारण वाक्य 

जिन वाक्यों में एक ही कर्ता और क्रिया होती है अथवा एक ही उद्देश्य और विधेय होता है , उन्हें हम साधारण वाक्य या सरल वाक्य कहते हैं। जैसे-- बादल गरजे। 

          राम आया। 

इन वाक्यों में एक उद्देश्य या कर्ता और एक विधेय या क्रिया है , अत : ये सरल या साधारण वाक्य कहलाएँगे। 

                         मिश्रित वाक्य  

जिन वाक्यों में एक प्रधान उपवाक्य हो तथा शेष आश्रित उपवाक्य हो ,उन्हें मिश्रित वाक्य कहते हैं। जो वाक्य कि, जो, क्योंकि, जितना, उतना, जैसा, वैसा, जब, तब, जहाँ, वहाँ, जिधर, उधर, अगर,यदि, तो, यद्यपि, तथापि, आदि से मिश्रित हों उन्हें मिश्रित वाक्य कहते हैं।

जैसे -- मेरा विश्वास है कि मोहन पास हो जायेगा। 

           परीक्षा में पास वही होता है जो मेहनत करता है। 

उपरोक्त वाक्यों में मेरा विश्वास है तथा परीक्षा में पास वही होता है प्रधान उपवाक्य है जबकि मोहन पास हो जायेगा और मेहनत करता है आश्रित उपवाक्य है। 

                         संयुक्त वाक्य 

जिस वाक्य में दो या दो से अधिक उपवाक्य मिले हों, परन्तु सभी वाक्य प्रधान हो तो ऐसे वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते है।ये वाक्य और, एवं, तथा, या, अथवा, इसलिए, अतः, फिर भी, तो, नहीं तो, किन्तु, परन्तु, लेकिन, पर आदि संयोजक शब्दों से जुड़े रहते हैं जिनसे इनकी पहचान होती है।

 जैसे -- वह सुबह गया और शाम को लौट आया। 

      उसने बहुत मेहनत करी किन्तु सफ़लता नहीं मिली। 

इनमें सभी उपवाक्य प्रधान है लेकिन ये सयोंजक शब्दों से जुड़े हैं। 

                    वाक्य रूपांतरण 

एक वाक्य का दूसरे वाक्य में परिवर्तन करने को वाक्य रूपांतरण कहते हैं। वाक्य रूपांतरण करते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि वाक्य के अर्थ में कोई परिवर्तन नहीं हो। ये रूपांतरण भी तीन तरह से होता हैं जो इस तरह हैं -- 

( 1 ) सरल वाक्य का मिश्रित या संयुक्त में रूपांतरण 

( 2 ) मिश्रित वाक्य का सरल या संयुक्त में परिवर्तन 

( 3 ) संयुक्त वाक्य का सरल या मिश्रित में रूपांतरण 

  सरल वाक्य का मिश्रित या संयुक्त में रूपांतरण 

1. निशा रोकर बोली। ( सरल वाक्य ) 

   वह निशा है जो रोकर बोली। ( मिश्र वाक्य ) 

   निशा रोई और बोली। ( संयुक्त वाक्य )

2. तुम खाना खाकर सो जाना। ( सरल वाक्य ) 

    जब तुम खाना खा लो तब सो जाना। ( मिश्र वाक्य ) 

    तुम खाना खाना और सो जाना। ( संयुक्त वाक्य )

3. रीना पढ़ -लिखकर इंजीनियर बनी। ( सरल वाक्य ) 

   जैसे ही रीना पढ़ -लिख गयी , वह इंजीनियर बन गयी। ( मिश्र वाक्य ) 

   रीना पढ़ी -लिखी और इंजीनियर बनी। ( संयुक्त वाक्य ) 

मिश्रित वाक्य का सरल या संयुक्त में रूपांतरण 

1. शकील ने जो कार खरीदी है, वह पुरानी है। ( मिश्र वाक्य ) 

    शकील ने एक पुरानी कार खरीदी है। ( सरल वाक्य ) 

    शकील ने एक कार खरीदी है और वह पुरानी है। ( संयुक्त वाक्य ) 

2. जो लोग परिश्रमी थे , वे सफ़ल हो गए। ( मिश्र वाक्य ) 

    परिश्रमी लोग सफ़ल हो गए। ( सरल वाक्य ) 

   परिश्रमी लोगों ने परिश्रम किया और सफ़ल हो गए। ( संयुक्त वाक्य ) 

3. ज्योंही अध्यापक आए , बच्चे शांत हो गए। ( मिश्र वाक्य ) 

   अध्यापक के आते ही बच्चे शांत हो गए। ( सरल वाक्य ) 

   अध्यापक आए और बच्चे शांत हो गए। ( संयुक्त वाक्य ) 

 संयुक्त वाक्य का सरल या मिश्रित में रूपांतरण 

1. मनीषा बीमार थी अत: स्कूल नहीं आई। ( संयुक्त वाक्य ) 

    मनीषा बीमार होने के कारण स्कूल नहीं आई। ( सरल वाक्य ) 

    मनीषा स्कूल नहीं आई क्योंकि वह बीमार थी। ( मिश्र वाक्य ) 

2. उसके पास कार तो थी किन्तु ठीक नहीं थी। ( संयुक्त वाक्य ) 

    उसके पास ठीक कार नहीं थी। ( सरल वाक्य ) 

    जो कार उसके पास थी, वह ठीक नहीं थी। ( मिश्र वाक्य ) 

3. अजय ने केक काटा और सबको बाँट दिया। ( संयुक्त वाक्य ) 

   अजय ने केक काट कर सबको बाँट दिया। ( सरल वाक्य ) 

   अजय ने सबको केक तब बाँटा जब काट लिया। ( मिश्र वाक्य ) 

तो और अधिक समझने के लिए आप नीचे दिया वीडियो देखिए :--


आशा है आपको इस लेख और वीडियो से वाक्य रूपांतरण समझ में आ गया होगा। अगर आपको मेरा लेख और वीडियो अच्छा लगा हो तो कृपया मेरे ब्लॉग और यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब ,फॉलो ,लाइक और शेयर जरूर कीजियेगा।

धन्यवाद 



गुरुवार, 21 मई 2020

The Earth in the Solar System { CBSE Class 6th Geography }

Today we will study about our Earth and Solar System. The sun shines during the day. In the night, the sky is dotted with numerous bodies that shine and twinkle. The moon also appears at night. All these bodies appear to us hanging up in space which the ancient people called ‘Heaven’. Our own earth is also a part of this system and thus it is also called a heavenly body or a celestial body. These heavenly bodies are grouped as stars, planets, satellites and asteroids. 

                      Stars 

These are self-luminous bodies. It means they have their own heat and light. Stars are made of hot, burning gases. They are usually very big in size but as they are very far away from us, they look small and tiny like little dots in the sky. Our sun is also a star. It looks bigger and brighter because, compared to other stars, it is much nearer to our earth. Groups of stars, forming a particular pattern, are called constellations. One such constellation is a group of seven stars which is called the Saptarishi. 

The Saptarishi are regarded as very important because in ancient times they used to guide the sailors at night. Stars are very far off from our earth. The light from the stars passes through different layers of the atmosphere with varying densities. As a result, they seem to be twinkling. Stars are so far off from us that we cannot understand or express this distance in kilometres or miles. We express this great distance in terms of light years. Light travels at a tremendous speed of about 3,00,000 kilometres per second. The distance that light travels in a year is called a light year. 

                     The Solar System 

The solar system means the ‘Family of the Sun’. The sun and the eight planets that revolve round the sun are members of the solar system. The eight planets are —Mercury, Venus, Earth, Mars, Jupiter, Saturn, Uranus, and Neptune. Besides the sun and the planets, there are some smaller celestial bodies as well in the solar system.  

                    The Sun 

The sun is the biggest member of the solar family. All the planets and satellites, etc. revolve round the sun. It is the center of the solar system. It is about 13,00,000 times bigger than our earth. The sun is made up of extremely hot gases and it gives out a lot of heat and light which is the source of all energy in the solar system. Our earth gets only a part of the energy. Without the sun’s energy, our earth would become cold and lifeless. It is the sun which sustains all life. 

                    Planets 

There are eight planets in our solar system. They, according to their distance from the sun, are—Mercury, Venus, Earth, Mars, Jupiter, Saturn, Uranus and Neptune. Venus is the hottest. Planets can also be rated according to their size. In the ascending order, they are— Mercury, Mars, Venus, Earth, Neptune, Uranus, Saturn and Jupiter. 

In this way, the largest planet in our solar system is Jupiter while the smallest planet is Mercury. The planets revolve round the sun in fixed paths which are called their orbits. They also rotate on their own axis. All the planets move round the sun in the same direction but they do not take the same time to complete a revolution. A planet which is nearer the sun takes less time than the one which is farther from the sun. 


                      Earth

Our earth is also a planet because it revolves round the sun. It completes one revolution round the sun in 365¼ days. In size, it ranks fifth after Jupiter, Saturn, Uranus and Neptune. If you see it from the outer space, it looks blue in color. It is because of the presence of water in its oceans and seas. It is, therefore, sometimes called the blue planet. 

In fact our earth is a unique planet in the whole solar system because climate which is best suited for the development of man and other forms of life on the earth. Its atmosphere is rich in oxygen that makes life possible on this planet. On this planet water occurs in vast quantities which makes life possible on the earth.

                   Shape of the Earth

Earlier it was believed that the earth was flat but later on scientists proved beyond doubt that it is not flat but spherical in shape.  The pictures of the earth, as taken by different astronauts who went into outer space, show that the earth is spherical in shape. It is argued that sailors like Magellan and Drake, who sailed round the world, started from one point and sailing in the same direction, at last reached the same spot. If the earth had been flat they would have reached some abrupt edge.

                      Satellites 

 A satellite moves round the planet in the same way as a planet moves round the sun. In other words, while revolving round the planet, the satellites also revolve round the sun. Our earth has one satellite which we call Moon while Uranus has 27 satellites and Neptune 14 satellites. Mercury and Venus have no Satellites. Satellites, like the planets, have no light or heat of their own. They reflect the light of the sun. There are some differences between them. While planets revolve round the sun, the satellites revolve round the planets. For example, the earth revolves round the sun, but the moon (a satellite) moves round the earth. 

                     The Moon 

Earth’s satellite is known as the moon. Its diameter is about one fourth of the earth’s diameter and it is about 3,84,000 km away from the earth. It has no light of its own. It reflects the sun’s light which reaches the earth in one and a quarter seconds. The moon does not look the same every night. It keeps on changing its face every night. As discussed above, it has no light of its own and it simply reflects the light of the sun. 

The moon completes its revolution around the earth in 29 days and 8 hours. It is called a lunar month. It also completes its rotation on its own axis in the same time. As a result, it shows only one side to us while the other side of the moon remains away from us.  An American astronaut, Neil Armstrong, was the first man to land on the moon. They all show that the moon’s surface is very rough and uneven. There is no air or water on the moon and it is very hot during the day while the nights are very cold. As a result, there is no life on the moon.

                Other Celestial Bodies

Besides the planets and satellites, there are numerous other small celestial bodies which move around the sun. They are known as asteroids, meteors and comets. Asteroids :--They are very small planet-like bodies which revolve around the sun between the orbits of Mars and Jupiter. Meteors :-- Meteors are small pieces of solid mass which move about in the sky, revolving around the sun. Sometimes they enter the earth’s atmosphere with great speed. They become heated by friction and start burning. That is why sometimes meteors are also called Shooting Stars.  Comets :-- There is another category of heavenly bodies known as comets. They too move around the sun, but they follow long elongated orbits. They appear as beautiful shining bodies in the sky with long tails. 

               India’s Space Programme


India’s space programme began in 1975 with the launching of Aryabhatta, the first Indian satellite, into space with the help of Russia. Then two other satellites, namely, Bhaskara I and Bhaskara II, were sent into space in 1979 and 1981 respectively with Soviet help. After this, India with the help of U.S.A. launched INSAT-1A and INSAT-1B into space in 1983. The launching of INSAT-1B proved quite successful. Then in 1984 Squadron Leader Rakesh Sharma was sent into space along with two other Russian cosmonauts. 

 The artificial satellites have proved very useful in telecommunication, meteorology, T.V. relay and broadcasting. In a single day in June, 2016 ISRO launched 20 satellites into space, most of them foreign. In 2014, Indian space vehicle Mangalyaan was launched into the orbit of Mars to carry out explorations and discoveries. INSAT- 3DR, the most advanced meteorological satellite of India was launched by GSLV-FO5.

Now you watch this video so that you can understand it more thoroughly :--


So hope you have understood the solar system very well through this video and article. If you like my article and video, please subscribe, like, follow and share my blog and YouTube channel.

Thank you



रविवार, 17 मई 2020

रहीम के पदों का अर्थ { सीबीएसई क्लास 9 हिंदी स्पर्श }

रहीम का जन्म लाहौर में सन् 1556 में हुआ था। इनका पूरा नाम अब्दुर्रहीम खानखाना था। रहीम अकबर के दरबार के नवरत्नों में से एक थे। रहीम हिन्दी , अऱबी , फ़ारसी और संस्कृत के अच्छे जानकार थे। रहीम के काव्य का मुख्य विषय श्रंगार, नीति  और भक्ति है। रहीम बहुत लोकप्रिय कवि थे। यहाँ इनके नीतिपरख दोहे दिए जा रहे हैं  जिनके माध्यम से इन्होंने इंसान को सीख़ दी हैं। 

तो आइए इनके दोहों का भावार्थ देखें :---

( 1 ) रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।

      टूटे से  फिर ना मिले , मिले गाँठ परि जाय।।

रहीम के अनुसार प्रेम रूपी धागा अगर एक बार टूट जाता है तो दोबारा नहीं जुड़ता। अगर इसे जबरदस्ती जोड़ भी दिया जाए तो पहले की तरह सामान्य नहीं रह जाता, इसमें गांठ पड़ जाती है। अर्थात हमारे किसी के साथ संबंधों में एक बार दरार आ जाती है तो बाद में हम कितनी ही कोशिश कर ले पहले जैसे सम्बन्ध नहीं हो सकते। 

( 2 ) रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।

        सुनी अठिलैहैं  लोग सब, बाँटि न  लैंहैं  कोय।।

रहीम कहते हैं कि अपने दुःख को मन के भीतर ही रखना चाहिए क्योंकि उस दुःख को कोई बाँटता नहीं  है बल्कि लोग उसका मजाक ही उड़ाते हैं। इस दोहें का मूल भाव यह है कि इस संसार में दूसरों के दुःख -दर्द को समझने वाले बहुत कम लोग हैं  अत: हमारे दिल की पीड़ा को किसी के सामने व्यक्त नहीं करना चाहिए। 

( 3 ) एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय। 

       रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय ।।

रहीम के अनुसार अगर हम एक-एक कर कार्यों को पूरा करने का प्रयास करें तो हमारे सारे कार्य पूरे हो जाएंगे, सभी काम एक साथ शुरू कर दियें तो तो कोई भी कार्य पूरा नहीं  हो पायेगा। वैसे ही जैसे सिर्फ जड़ को सींचने से ही पूरा वृक्ष हरा-भरा, फूल-फलों से लदा रहता है। मूलभाव यह है कि इस सृष्टि के मूल अर्थात परमात्मा की साधना करने से ही हमें सब कुछ प्राप्त हो सकता हैं। 

( 4 ) चित्रकूट में रमि रहे, रहिमन अवध -नरेस। 

      जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस ।।

रहीम कहते हैं कि चित्रकूट में अयोध्या के राजा राम आकर रहे थे जब उन्हें 14 वर्षों के वनवास प्राप्त हुआ था। इस स्थान की याद दुःख में ही आती है, जिस पर भी विपत्ति आती है वह शांति पाने के लिए इसी प्रदेश में खिंचा चला आता है। अर्थात जिस पर विपत्ति आती है, वह शांति की तलाश में ऐसे ही स्थान पर चला आता है। 

( 5 ) दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं। 

      ज्यों रहीम नट कुंडली, सिमिटि कूदि चढिं जाहिं॥

रहीम कहते हैं कि दोहा छंद ऐसा है जिसमें अक्षर थोड़े होते हैं किंतु उनमें बहुत गहरा और दीर्घ अर्थ छिपा रहता है। जिस प्रकार कोई कुशल बाजीगर अपने शरीर को सिकोड़कर तंग मुँह वाली कुंडली के बीच में से कुशलतापूर्वक निकल जाता है उसी प्रकार कुशल दोहाकार दोहे के सीमित शब्दों में बहुत बड़ी और गहरी बातें कह देते हैं।

( 6 ) धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पिअत अघाय।

          उदधि बड़ाई कौन है, जगत पिआसो जाय।।

रहीम कहते हैं कि कीचड़ का जल सागर के जल से महान है क्योंकि कीचड़ के जल से कितने ही लघु जीव प्यास बुझा लेते हैं। सागर का जल अधिक होने पर भी पीने योग्य नहीं है। संसार के लोग उसके किनारे आकर भी प्यासे के प्यासे रह जाते हैं। मतलब यह कि महान वही है जो किसी के काम आए चाहे उसके पास अधिक सम्पत्ति ना हो। 


( 7 ) नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।

       ते रहीम पशु से अधिक, रीझेहु कछू न देत ।।

रहीम कहते हैं कि संगीत की तान पर रीझकर हिरन शिकार हो जाता है। उसी तरह मनुष्य भी प्रेम के वशीभूत होकर अपना तन, मन और धन न्यौछावर कर देता है लेकिन वह लोग पशु से भी बदतर हैं जो किसी से खुशी तो पाते हैं पर उसे देते कुछ नहीं है। अर्थात अगर मनुष्य किसी की कला पर मोहित होकर कुछ दान नहीं करता तो वह मनुष्य पशु से भी अघम है। 

( 8 ) बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय। 

      रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय।।

रहीम कहते हैं कि मनुष्य को सोच समझ कर व्यवहार करना चाहिए क्योंकि किसी कारण वश यदि बात बिगड़ जाती है तो फिर उसे बनाना कठिन होता है, जैसे यदि एक बार दूध फट गया तो लाख कोशिश करने पर भी उसे मथकर मक्खन नहीं निकाला जा सकेगा। इस दोहे का मूल भाव यह है कि हमें कोई भी कार्य करने से पहले अच्छी तरह से सोच -समझ लेना चाहिए क्योंकि एक बार कार्य या बात बिगड़ गयी तो फिर उसको वापस ठीक करना बड़ा मुश्किल होता है। 

( 9 ) रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि। 

        जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।।

रहीम के अनुसार हमें बड़ी वस्तु को देख कर छोटी वस्तु का अनादर नहीं करना चाहिए क्योंकि उनका भी अपना महत्व होता है। जैसे छोटी सी सुई का काम बडी तलवार नहीं कर सकती क्योंकि सुई का कार्य तो जोड़ना है जबकि तलवार तो काटने का ही कार्य करेगी।अर्थात छोटा समझ कर किसी का अनादर नहीं करना चाहिए क्योंकि हो सकता है जो कार्य बड़े लोग नहीं कर पाए वह इसके द्वारा हो जाये। 

( 10 ) रहिमन निज संपति बिना, कोउ न बिपति सहाय।

         बिनु पानी ज्‍यों जलज को, नहिं रवि सके बचाय।।

रहीम कहते हैं कि संकट की स्थिति में मनुष्य की निजी धन-दौलत ही उसकी सहायता करती है।जिस प्रकार पानी का अभाव होने पर सूर्य कमल की कितनी ही रक्षा करने की कोशिश करे, फिर भी उसे बचाया नहीं जा सकता ; उसी प्रकार मनुष्य को बाहरी सहायता कितनी ही क्यों न मिले, किंतु उसकी वास्तविक रक्षक तो निजी संपत्ति या गुण ही होते हैं।

( 11 ) रहिमन पानी राखिए , बिनु  पानी सब सून। 

          पानी गए  न ऊबरै , मोती, मानुष, चून ।।

रहीम कहते हैं कि पानी का बहुत महत्त्व है। इसे बनाए रखो। यदि पानी समाप्त हो गया तो न तो मोती का कोई महत्त्व है, न मनुष्य का और न आटे का। पानी अर्थात चमक के बिना मोती बेकार है। पानी अर्थात सम्मान के बिना मनुष्य का जीवन व्यर्थ है और जल के बिना रोटी नहीं बन सकती, इसलिए आटा बेकार है। अर्थात मनुष्य को हमेशा पानी यानि अपने सम्मान को बचाकर रखना चाहिए क्योंकि उसके बिना उसका जीवन व्यर्थ है। 

अब जरा ये नीचे दिया हुआ वीडियो देखिए जिससे आप को इन दोहों का भाव और भी अच्छी तरह समझ में आ जाये :---


तो मुझे आशा है कि आप इस वीडियो और लेख के माध्यम से इन दोहों का भाव अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा। अगर आपको मेरा लेख और वीडियो अच्छा लगा हो तो कृपया मेरे ब्लॉग और यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब ,शेयर ,लाइक और फॉलो जरूर कीजियेगा। 

धन्यवाद 


शनिवार, 16 मई 2020

बिहारी के पदों का अर्थ { सीबीएसई क्लास 10 हिंदी स्पर्श }

बिहारी 

बिहारी का जन्म 1595 में ग्वालियर में हुआ था। बिहारी रसिक जीव थे पर इनकी रसिकता नागरिक जीवन की रसिकता थी। उनका स्वभाव विनोदी और व्यंग्यप्रिय था। 1663 में उनका देहावसान हुआ। बिहारी की एक ही रचना 'सतसई ' उपलब्ध है जिसमें लगभग 700 दोहे संगृहीत हैं। 


इनकी कविता शृंगार रस की है इसलिए नायक ,नायिका या नायिकी की वे चेष्टाएँ जिन्हें हाव कहते हैं ,इनमें पर्याप्त मात्रा में मिलती है। बिहारी की भाषा बहुत कुछ ब्रज और बुंदेलखंडी हैं। आइये अब उनके दोहे और उनका भावार्थ देखे :--

( 1 ) सोहत ओढ़ैं पीतु पटु स्याम ,सलौनैं गात।

     मनौ नीलमनि -सैल पर आतपु परयौ प्रभात।।   

 इस दोहे में कवि ने श्री कृष्ण के साँवले शरीर की सुंदरता का बखान किया है। कवि कहते हैं कि श्री कृष्ण के साँवले शरीर पर पीले वस्त्र बहुत अच्छे  लग रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे नीलमणि पर्वत पर प्रातः काल की धूप पड़ रही हो। यहाँ पर श्री कृष्ण के साँवले शरीर को नीलमणि पर्वत तथा पीले वस्त्र ,सूर्य की धूप को कहा गया है।

( 2 ) कहलाने एकत बसत अहि मयूर ,मृग बाघ।

    जगतु तपोबन सौ कियौ दीरघ -दाघ निदाघ।।

 इस दोहे में बिहारी कहते हैं कि भीषण गर्मी से बेहाल होकर सभी जानवर एक ही स्थान पर बैठे हैं। मोर और साँप एक साथ बैठे हैं,हिरण और शेर एक साथ बैठे हैं। कवि ने भीषण गर्मी की तुलना तपोवन से की है , जैसे पुराने समय में ऋषि मुनियों के तप के प्रभाव से सारे प्राणी अपना आपसी द्वेष भुला कर एक साथ रहते थे उसी तरह गर्मी से बेहाल ये जानवर भी आपसी द्वेष को भुला कर एक साथ बैठे हैं।  

( 3 ) बतरस -लालच लाल की मुरली धरी लुकाइ। 

       सौह करैं भौंहनु हँसै , दैन कहैं  नटि जाइ।।

इस दोहे में बिहारी गोपियों द्वारा श्री कृष्ण की बाँसुरी चुराए जाने का वर्णन करते हैं। कवि कहते हैं  कि गोपियों ने श्री कृष्ण से बात करने के लालच में उनकी बाँसुरी को चुरा लिया है। गोपियाँ कसम भी खाती हैं कि उन्होंने बाँसुरी नहीं चुराई है लेकिन बाद में भोंहे घुमाकर हंसने लगती हैं और बाँसुरी देने से मना कर रही हैं।इस प्रकार श्रीकृष्ण का गोपियों के साथ प्रेम -भाव वाला वाद-विवाद चलता रहता है। 

( 4 ) कहत ,नटत ,रीझत ,खीझत ,मिलत ,खिलत ,लजियात।

        भरे भौन मैं करत हैं  नैननु ही सब बात।।

इस दोहे में बिहारी ने दो प्रेमियों के उस स्थान पर मिलने का वर्णन किया है जहाँ और लोग भी बैठे हैं। अत: वे बात करके एक - दूसरे को मन के भाव नहीं बता सकते। इसलिए नायक और नायिका एक दूसरे से आँखों ही आँखों में बातचीत करते हैं। नायक की बातों का उत्तर कभी नायिका इंकार से देती है,कभी उसकी बातों पर मोहित हो जाती है ,कभी बनावटी गुस्सा दिखाती है और जब उनकी आँखे फिर से मिलती हैं तो वे दोनों खुश हो जाते हैं और कभी - कभी लज्जा भी जाते हैं। कवि कहते हैं कि इस तरह वे भीड़ में भी एक दूसरे से बात करते हैं और किसी को ज्ञात भी नहीं होता।

( 5 ) बैठि रही अति सघन बन ,पैठि सदन - तन माँह।

         देखि दुपहरी जेठ की छाँहौं चाहति छाँह।।

बिहारीजी कहते हैं कि जेठ महीने की गर्मी इतनी अधिक हो रही है कि छाया भी छाया ढूँढ रही है अर्थात वह भी गर्मी से बचने के लिए जगह तलाश कर रही है। वह या तो किसी घने जंगल में मिलेगी या किसी घर के अंदर। यहाँ मूल रूप से कवि ने प्रकृति के बदलते रूप का वर्णन किया है। 


( 6 )  कागद पर लिखत न बनत ,कहत सँदेसु लजात।

           कहिहै सबु तेरौ हियौ ,मेरे हिय की बात।।

बिहारी कहते हैं कि नायिका अपनी विरह की पीड़ा को कागज़ पर नहीं लिख पा रही है और कह कर सन्देश भेजने में उसे शर्म आ रही है वह नायक से कहती है कि मैंने मेरे दिल की बात तुम्हारे दिल तक पहुँचा दी है अत: तुम अपने ह्रदय से पूछ लो वह मेरे हृदय की बात जानता है अर्थात तुम मेरी विरह दशा से भली भांति परिचित होंगे।

( 7 )  प्रगट भय  द्विजराज - कुल ,सुबस बसे ब्रज आइ।

             मेरे हरौ कलेस सब ,केसव केसवराइ।।

बिहारी कहते हैं कि हे ! श्री कृष्ण आपने चंद्र वंश में जन्म लिया और स्वयं ही ब्रज  में आकर बस गए। बिहारी जी के पिता का नाम केशवराय है और श्री कृष्ण का एक नाम केशव है, इसलिए कवि कहते हैं कि आप मेरे पिता के समान हैं अतः मेरे सारे कष्टों का नाश कर दीजिये।

( 8 ) जपमाला ,छापैं ,तिलक सरै न एकौ कामु।

         मन - काँचै नाचै बृथा साँचै राँचै रामु।।

बिहारीजी कहते हैं कि केवल ईश्वर के नाम की माला जपने से , ईश्वर नाम लिख लेने से तथा तिलक करने से ईश्वर भक्ति का कार्य पूरा नहीं होता। यदि मन में ईश्वर के लिए विश्वास न हो तो उसकी भक्ति में नाचना भी व्यर्थ है। इसके विपरीत जो सच्चे मन से ईश्वर भक्ति करते हैं, ईश्वर उन्ही पर प्रसन्न होते हैं। इसका मूल भाव ये है कि भगवान को खुश करने के लिए बाहरी दिखावा करना व्यर्थ है क्योंकि वे तो सच्चे मन से की गयी प्रार्थना से ही प्रसन्न होते है।

और अधिक इन दोहों  का भाव समझने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखिए :---


तो मुझे आशा है कि आपको मेरे लेख और वीडियो से इन दोहों का भाव समझ में आ गया होगा। अगर आपको लेख और वीडियो अच्छा लगा हो तो कृपया आप मेरे ब्लॉग और यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब ,फॉलो ,लाइक और शेयर जरूर कीजियेगा।                                                       लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद !


गुरुवार, 14 मई 2020

Make Free Videos Easily

Free Great Video Making Tools

Friends, today we will learn how to make great videos for free.

Have all of you ever felt the need to make a video for a birthday, anniversary or special occasion, or to make a video for social media or YouTube. Although there are many apps in the market that help us to make videos, but most of them are not for free, and they give to make some for free, so the biggest concern is the security of our data because most of our apps have a lot of our data Collects which can also be dangerous for us. 

So today let us know how we can make a great video from our computer for free.

 First open the power point in your computer. After that click on Insert in it. Then click on the photo album. After that a new window will open in front of you, in which you will see the Insert photo from file / disk. You have to click on it. After that, add all the photos from which folder you want to add. 

After selecting the photo, click on the insert below. After that you will see the photo that you have added in the window in front of you. After this, click on Create below. After that you will see the photos you have selected in Power Point. You can down-up them as per your choice or you can remove them if you want to remove them. After that, click on Transitions and select whatever design you want to make of your video. After selecting the design disable the mouse click and click on Apply to All. 


After that click on Insert and click on Audio which will say Audio on My PC. After that, insert whatever music you want to insert from. When you have selected the music, then click Play in the background. After doing this, click on the file and then you will see export written below. You have to click on it. Then you will see create a video. You have to click on it. You will have the option of how much quality video and how much time you want to give to a slide. It is up to you what kind of video you want to make. After selecting all these, click on CREATE VIDEO. Now where do you want to save it and by what name should you save it. After that your video will start being created. According to how long it will take time, so wait. After that your video will be ready and will be seen in the folder in which you have saved.

So friends, you must have got into it easily, but I advise you to definitely watch my video below, so that you will understand it completely.


So friends, I sincerely hope that you have learned to make videos easily from my videos and articles. I have made all the videos in my YouTube channel through this medium. Yes, but one thing is important that you should have power point 2010 or above. 

So friends, if you found my article and video useful, please subscribe, follow, like and share my blog and YouTube channel to see more videos and articles like this.

Thank you

शुक्रवार, 8 मई 2020

अनुच्छेद लेखन { सीबीएसई क्लास 9 और 10 हिंदी व्याकरण }

अनुच्छेद लेखन [ Anuchchhed Lekhan ]

 किसी विषय पर अपने भावों या विचारों को सरल और संक्षिप रूप से लेखन करना अनुच्छेद -लेखन कहलाता है। निबंध की अपेक्षा अनुच्छेद संक्षिप होते हैं। परीक्षा में अनुच्छेद लेखन आता है और उसका अंक भार भी ज्यादा होता है अत : हमें यह जानना अति आवश्यक है कि एक परिपूर्ण अनुच्छेद हम कैसे लिखे। जिससे हमें एक्ज़ाम में अच्छे मार्क्स मिले। 

अनुच्छेद लिखते समय हमें निम्नलिखित बातों का हमेशा ध्यान रखना होगा ----

( 1 ) हमारी भाषा सरल होनी चाहिए जिससे पढ़ने वाला आसानी से हमारे भावों या विचारों को समझ सके। 

( 2 ) हम जो भी लिखे वह विषय के अनुकूल होना चाहिए। जिन बातों का विषय से सम्बन्ध नहीं है उनको हमें नहीं लिखना चाहिए। 

( 3 ) हमें सीमित शब्दों में दिए गए विषय पर अपने विचार लिखना चाहिए। जितने शब्दों में लिखने को कहा गया हो , 5 -6 शब्दों के कम -ज्यादा होने से फर्क नहीं पड़ता है। 

( 4 ) अनुच्छेद में पहले वाक्य से ही मुख्य विषय की बात कही जाती है। 

( 5 ) विषय के बारे में लिखी गयी बातों में एक क्रमबद्धता बनी रहनी चाहिए। 

( 6 ) हमें किसी बात को बार -बार दोहराने से बचना चाहिए। 

( 7 ) अनुच्छेद में मुहावरों तथा लोकोक्तियों का प्रयोग करके हम इसे आकर्षित बना सकते है लेकिन ध्यान रखे कि इसका प्रयोग अधिक ना हो। 

( 8 ) छोटे - छोटे वाक्यों का अगर हम प्रयोग करे तो यह अच्छा होगा। 

( 9 ) व्यर्थ के विस्तार से हमें बचना चाहिए। 

( 10 ) आजकल परीक्षा में संकेत -बिंदु दिए होते हैं अत : आपको इन्हीं संकेत बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए अपना अनुच्छेद लिखना है। 

अगर आप उपरोक्त बातों को दिमाग़ में रखते हुए अनुच्छेद लिखोगे तो निश्चय ही आपके परीक्षा में अच्छे अंक आयेंगे। और अधिक जानकारी के लिए आप नीचे दिया हुआ वीडियो देखिए ----


अनुच्छेदों को हम चार भागों में बाँटते हैं ---

1 . विचार प्रधान अनुच्छेद :-- इनमें  हम किसी विषय पर हमारे क्या विचार है उनको लिखते हैं। 

2 . भाव प्रधान अनुच्छेद :-- इनमें लेखक के व्यक्तिगत भावों की किसी विषय पर जाँच की जाती है। 

3 . वर्णन प्रधान अनुच्छेद :-- इसमें किसी विषय के बारे में जो हमने सुना है या पढ़ा है उसका वर्णन करने को कहा जाता है। 

4 . कल्पना आधारित अनुच्छेद :-- ऐसे अनुच्छेद किसी कल्पित विषय पर होते हैं जिनमें हमें अपनी कल्पना के आधार पर ही अनुच्छेद लिखना होता है। 

आशा है आपको अनुच्छेद लेखन के बारे में जो जानकारी चाहिए वो सब यहाँ मिल गयी होगी। फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न हो तो नीचे कमेंट्स में लिख सकते हो। अगर आपको मेरा लेख और वीडियो अच्छा लगा हो तो कृपया मेरा ब्लॉग और यूट्यूब चैनल को फॉलो ,लाइक , सब्सक्राइब और शेयर कीजियेगा। 

धन्यवाद   


मंगलवार, 5 मई 2020

Successor & Predecessor { CBSE Class - 3rd, 4th & 5th Mathematics }

Successor & Predecessor

Today we will study successor and predecessor.

successor :--

The number that comes just after a given number is called its successor. 

To find the successor of a given number, we add 1 to the given number.

Example :--

(i) Successor of 19 = 19 + 1 = 20. 

(ii) Successor of 189 = 189 + 1 = 190.

(iii) Successor of 1,349 = 1,349 + 1 = 1,350.

Predecessor :--

The number that comes just before a given number is called its predecessor. 

To find the predecessor of a given number, we subtract 1 from the given number.

Example :--

(i) Predecessor of 10 = 10 – 1 = 9. 

(ii) Predecessor of 200 = 200 – 1 = 199. 

(iii) Predecessor of 3,487 = 3,487 – 1 = 3,486.

So hope this topic of today is easily understood by you. For more information you can see the video below ----



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Comparison of Numbers { CBSE Class - 3rd, 4th & 5th Mathematics }

           Comparison of Number

    Today we will learn how we compare numbers among themselves.

[ 1.] When two numbers have different number of digits :--- 

Out of the two numbers, a number having more digits is greater than the other.

Thus, 17 > 6,   256 > 86,     1,235 > 929,     23,526 > 8,975.

[ 2.] When the two numbers have the same number of digits :---

 (i) First compare the digits at the left-most place in both the numbers. If they are not equal, then the number which has the greater digit at this place is greater than the other.

(ii) If they are equal, then compare the second digits from left in both the numbers. If they are not equal then the number which has the greater digit at this place is greater than the other.

(iii)  If they are equal in value, we compare their third digits from the left. Continue this process until we come across unequal digits at the corresponding places.

Thus, 15,306 and 15,410

Consider 15,306 and 15,410. 

Both are 5-digit numbers.

 We start from the left most digits. 

Here, 1 = 1. Next, we compare the second digits from the left. Here, 5 = 5. Next, we compare the third digits from the left. Here, 3 < 4 Thus, 15,306 < 15,410 or 15,410 > 15,306.

So hope this topic of today is easily understood by you. For more information you can see the video below ----


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रविवार, 3 मई 2020

रैदास के पदों का अर्थ { सीबीएसई क्लास 9 हिंदी स्पर्श }

                                                रैदास 

रैदास का जन्म सन् 1388 में हुआ था और देहावसान 1518 में बनारस में हुआ ,ऐसा माना जाता है। इनका मूल नाम संत रविदास था। मूर्तिपूजा, तीर्थयात्रा जैसे दिखावों में रैदास का बिलकुल भी विश्वास नहीं था। रैदास ने अपनी रचनाओं में सरल,व्यावहारिक ब्रज भाषा का प्रयोग किया है , जिसमें अवधि, राजस्थानी, खड़ी बोली और उर्दू -फ़ारसी के शब्दों का मिश्रण भी है। 

आइये अब उनके कुछ पदों का भावार्थ देखे ----

                                            अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी।

                                            प्रभु जी, तुम चंदन हम पानी, जाकी अँग-अँग बास समानी।

                                            प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा, जैसे चितवत चंद चकोरा।

                                            प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती।

                                            प्रभु जी, तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा।

                                            प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासा॥  

             उपरोक्त पंक्तियों में संत रैदास ने अपनी ईश्वर के प्रति भक्ति भावना को व्यक्त किया है। वे कहते है कि जिस तरह बहुत सी चीजे एक दूसरे से जुडी हुई हैं उसी तरह भक्त और भगवान का नाता भी एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। उनका कहना है कि मेरे मन में तो श्री राम ( ईश्वर ) का निवास हो गया है अत : अब उनसे मेरा ध्यान तो हटाए भी नहीं हटता। मेरी वाणी तो हमेशा उन्हीं का नाम रटती रहती है। आगे वे कहते है कि प्रभु आप चन्दन हो और मैं पानी जिस प्रकार चंदन की सुगंध पानी में मिलने  के बाद पूरे पानी को सुगन्धित कर देती है उसी तरह मेरे मन में भी मेरे प्रभु की भक्ति ने मेरे अंग-अंग को उनका दीवाना बना दिया है। अगली पंक्ति में वे कहते है कि प्रभु आप बादल है और मैं मोर। जिस तरह बरसात के बादलों को देखकर मोर ख़ुशी से नाचने लगता है उसी तरह मेरा मन भी प्रभु की भक्ति पाकर भक्ति में नाच उठता है। जैसे चन्द्रमा को अत्यधिक प्रेम करने वाला चकोर पक्षी बड़े प्रेम से एकटक अपने प्रेमी (चन्द्रमा ) को निहारता रहता है उसी तरह मैं भी आपके सुन्दर और पवित्र रूप को अपनी भक्ति और प्रेम से निहारता रहता हूँ। आगे रैदास जी कहते है कि प्रभु आप दीपक हो और मैं उसकी बाती के समान। जैसे दीपक में बाती जलती रहती है, वैसे ही, एक भक्त भी प्रभु की भक्ति में जलकर सदा प्रज्वलित होता रहता है। आगे की पंक्तियों में उन्होंने ईश्वर की तुलना मोती से की है और स्वयं को धागा बताया है जिसमें वह पिरोया जाता है। अर्थात् उनके कण-कण में प्रभु के समा जाने से वे ठीक उसी तरह पवित्र हो गए है जैसे सोने में सुहागा मिलाने से सोना शुद्ध हो जाता है। इस प्रकार रैदास ने अपने पदों में अपनी भक्ति का वर्णन करते हुए , स्वयं को एक दास और प्रभु को अपना स्वामी बताया है। 

                                                  ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै।

                                                 गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै।।

                                                जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै।

                                                नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै॥

                                                नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै।

                                                कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरिजीउ ते सभै सरै॥ 

  रैदास ने उपरोक्त पंक्तियों में प्रभु की कृपा एवं महिमा का वर्णन किया है। उनके अनुसार इस संपूर्ण जगत में प्रभु से बड़ा कृपालु और कोई नहीं। वे गरीब एवं दिन- दुखियों को समान भाव से देखने वाले हैं। वे छूत-अछूत में विश्वास नहीं करते हैं और मनुष्य-मनुष्य के बीच कोई भेदभाव नहीं करते। इसी कारण वश कवि को यह लग रहा है कि अछूत होने के बाद भी उन पर प्रभु ने असीम कृपा की है। प्रभु की इस कृपा की वजह से कवि को अपने माथे पर राजाओं जैसा छत्र महसूस हो रहा है।रैदास के पद की इन पंक्तियों से पता चल रहा है कि कवि खुद को नीच एवं अभागा मानते थे। उसके बाद भी प्रभु ने उनके ऊपर जो कृपा दिखाई है, कवि उससे फूले नहीं समा रहे हैं। प्रभु अपने भक्तों में भेदभाव नहीं करते हैं, वे सदैव अपने भक्तों को समान दृष्टि से देखते हैं। वे किसी से नहीं डरते एवं अपने सभी भक्तों पर एक समान कृपा करते हैं। प्रभु के इसी गुण की वजह से नामदेव जैसे सामान्य व्यक्ति , कबीर जैसे जुलाहे, सधना जैसे कसाई, सैन जैसे नाई  एवं त्रिलोचन जैसे वैश्य व्यक्तियों को इतनी ख्याति प्राप्त हुई। प्रभु की कृपा से उन्होंने इस संसार-रूपी सागर को पार कर लिया। अंतिम पंक्ति में रैदास संतों से कहते हैं कि  प्रभु की महिमा अपरम्पार है और वो कुछ भी कर सकते हैं। 

                  इस प्रकार से आज हमने रैदास की भक्ति भावना की इन दोनों पदों में झलक देखी। आशा है आपको इन पदों का अर्थ समझ में आ गया होगा। फिर भी और अच्छा जानने के लिए आप नीचे दिया गया वीडियो देखिए ----


आशा है आप इस वीडियो और लेख के माध्यम से इन पदों का भावार्थ अच्छी तरह से समझ चुके होंगे। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए कृपया आप मेरे ब्लॉग और यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइबर ,फॉलो और शेयर कीजियेगा। 

धन्यवाद